🌐 Distributed Denial of Service (DDoS) Attack क्या है?

DDoS Attack एक प्रकार का Denial of Service (DoS) Attack होता है, लेकिन इसमें हमला कई कंप्यूटरों या डिवाइसों के नेटवर्क (जिसे Botnet कहते हैं) से किया जाता है, न कि सिर्फ एक कंप्यूटर से।


🔍 DDoS Attack कैसे काम करता है?

  • कई कंप्यूटर (जो हैक हो चुके होते हैं) एक साथ लक्ष्य वेबसाइट, सर्वर या नेटवर्क पर भारी मात्रा में ट्रैफिक भेजते हैं।
  • यह ट्रैफिक इतनी बड़ी मात्रा में होता है कि सर्वर को संभालना मुश्किल हो जाता है।
  • इससे वेबसाइट या सेवा सामान्य उपयोगकर्ताओं के लिए बंद या अस्थायी रूप से उपयोग न होने योग्य हो जाती है।

🤖 Botnet क्या है?

  • Botnet कई संक्रमित कंप्यूटरों का समूह होता है जो हमलावर के नियंत्रण में होते हैं।
  • हमलावर इन कंप्यूटरों को आदेश देता है कि वे एक साथ हमला करें।

💥 DDoS Attack के प्रभाव:

  • वेबसाइट या सर्वर डाउन हो जाना।
  • ऑनलाइन सेवाओं की धीमी प्रतिक्रिया या बंद होना।
  • व्यवसाय को भारी आर्थिक नुकसान।
  • उपयोगकर्ताओं का विश्वास कम होना।
  • सरकारी और वित्तीय संस्थानों के लिए खतरनाक।

🛡️ DDoS से बचाव के उपाय:

  1. 🔥 फायरवॉल और इंट्रूज़न प्रिवेंशन सिस्टम (IPS) का उपयोग करें।
  2. ☁️ क्लाउड आधारित DDoS सुरक्षा सेवाओं (जैसे Cloudflare, Akamai) का इस्तेमाल करें।
  3. 📊 ट्रैफिक मॉनिटरिंग करें और असामान्य ट्रैफिक को तुरंत पहचानें।
  4. 💻 सर्वर और नेटवर्क की क्षमता बढ़ाएं।
  5. 🚨 आपातकालीन प्रतिक्रिया योजना बनाएं।
  6. 🛠️ नियमित रूप से सुरक्षा अपडेट और पैच लगाएं।

⚖️ भारत में DDoS Attack पर कानून:

  • IT Act के तहत इस प्रकार के साइबर अपराध के लिए जुर्माना और जेल की सजा हो सकती है।
  • साइबर क्राइम सेल में शिकायत दर्ज कराई जा सकती है।