DATA THEFT
🕵️♂️ Data Theft क्या है? (डेटा चोरी)
Data Theft का मतलब है किसी व्यक्ति, कंपनी या संस्था की गोपनीय और महत्वपूर्ण जानकारी को बिना अनुमति के चुराना या निकालना। यह जानकारी डिजिटल या फिजिकल दोनों रूपों में हो सकती है, जैसे:
- पासवर्ड
- बैंक डिटेल्स
- पर्सनल आईडी (Aadhaar, PAN)
- क्रेडिट/डेबिट कार्ड नंबर
- बिजनेस सीक्रेट्स
- कस्टमर की जानकारी
⚠️ Data Theft कैसे होता है?
- हैकिंग: सिस्टम या नेटवर्क में अनधिकृत प्रवेश।
- फिशिंग: नकली वेबसाइट या ईमेल के ज़रिए जानकारी चुराना।
- मैलवेयर और स्पाइवेयर: वायरस के माध्यम से डेटा निकालना।
- इंसाइडर थ्रेट: कर्मचारी या कोई अंदरूनी व्यक्ति चोरी करता है।
- फिजिकल चोरी: कंप्यूटर, हार्ड ड्राइव, लैपटॉप चोरी होना।
- अनजाने में डेटा लीक: कमजोर पासवर्ड या गलत सेटिंग के कारण।
📉 Data Theft के नुकसान:
- बैंक अकाउंट से पैसे चोरी
- पहचान की चोरी (Identity Theft)
- प्राइवेट जानकारी का दुरुपयोग
- कंपनी का आर्थिक नुकसान और प्रतिष्ठा हानि
- कानूनी कार्रवाई और जुर्माना
🛡️ Data Theft से बचाव के उपाय:
- 🔐 मजबूत और यूनिक पासवर्ड रखें।
- 📧 संदिग्ध ईमेल, लिंक और अटैचमेंट न खोलें।
- 💻 सॉफ्टवेयर और एंटीवायरस को अपडेट रखें।
- 🔒 नेटवर्क और डिवाइस को सुरक्षित करें (VPN, Firewall)।
- 🕵️♂️ केवल भरोसेमंद ऐप्स और वेबसाइट का उपयोग करें।
- 🔍 नियमित रूप से बैंक और क्रेडिट कार्ड स्टेटमेंट चेक करें।
- 🚫 निजी जानकारी सोशल मीडिया पर न डालें।
- 👮♂️ अगर डेटा चोरी हो तो तुरंत साइबर क्राइम सेल में रिपोर्ट करें।
🆘 Data Theft की शिकार होने पर क्या करें?
- तुरंत बैंक या संबंधित संस्था को सूचित करें।
- साइबर क्राइम पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराएं: cybercrime.gov.in
- पासवर्ड बदलें और सिक्योरिटी सेटिंग्स अपडेट करें।
- संबंधित एजेंसियों से कानूनी सलाह लें।